To make a friend!
जब देखा था मैंने तुम्हें पहली बार,
हाथ थे कांपते, धड़कनें बेकरार।
अदभुत थी वो अनजानी सी मुस्कान,
दिल था जबरदस्त, फिर भी था घबरान।
सुनते थे लोग मेरी बातें खामोशी से,
वक्त लगता था हमें बनाने के लिए दोस्ती की रेशमी दस्तान।
जैसे होती है अजनबी के साथ मुलाक़ातें,
ज़िन्दगी के सबसे सुहाने अहसास के तराने।
धीरे-धीरे बढ़ती थी बातों की कश्ती,
जब तक नहीं आई थी हमारी दिल की मिलाप की बारिश।
वक्त ने खोल दी थी प्यार की पुस्तक की पन्नें,
अब तो था बस एक अपना अपनी दुनिया में समान।
आज जब याद आती है वो पहली मुलाक़ात,
एक अनजान दोस्त का हो जाता हूँ मैं ख़ुद ख़ुद को समझात।
कहानी बन गई हमारी ये ज़िन्दगी की,
जो ज़हर को भी मोहब्बत का प्याला बना जाती है सच्ची मित्रता की।
-Mani